साथियों आज में जो चर्चा है वह है jio की जिओ मुकेश अंबानी का वह प्रोडक्ट जो कि देश में इंटरनेट क्रांति के लिए अपनी पीठ थपथपा रहा है इन्हीं के पापा कहा करते थे कर लो दुनिया मुट्ठी में धीरू भाई अंबानी जब टेलीकॉम सेक्टर के लिए जोड़ी फोन ऑफर लेकर आए थे लेकिन पिताजी के संदेश को बेटे ने अपने हाथ में ले लिया है और वह सही मायने में दुनिया को मुट्ठी में करने निकल चुके हैं शुरुआत उसकी भारत के 140 करोड़ लोगों से हुई है मैं ये क्यों कह रहा हूं क्योंकि हाल ही में jio 3 प्राइजिंग करके सबसे पहले लोगों तक रीच पहुंचाई लोगों तक सस्ते दामों में अपनी आदत लगाई और अब धीरे-धीरे उन लोगों को अपने तरीके से जैसे मदारी डमरू पर नचा रहा हो कुछ उस तरीके से अपनी प्राइसिंग से लोगों को नचा रहा है jio5g के साथ प्ले करने का मौका दे रहे हैं साथियों यह बहुत महत्त्वपूर्ण बात है |
अर्थशास्त्र में इस बात को मोनोपोलिस्टिक अप्रोच कहा जाता है एकाधिकार प्रकार का व्यवहार कहा जाता है जिसमें कोई भी कंपनी पहले लोगों की आवश्यकता बनती है और फिर अपने कंपटीशन को खत्म करती है कंपटीशन को खत्म करके अपने हिसाब से मार्केट को नचा है उसका जीवंत उदाहरण आप में से अधिकांश व्यूअर ने जब शुरुआत में जिओ आया तब क्या कहकर आया आज जिओ क्या कर रहा है और उससे आगे हमारी पूरी जिंदगी को हाथ में रखने के लिए इसने क्या तरीके अपनाए हैं आज विस्तार से इसकी सारी चर्चा होगी क्योंकि भारतीयों की याददाश्त थोड़ी कमजोर है वो भूल जाते हैं कि कहां से क्या चीजें शुरू हुई थी कहां तक पहुंच गई तो इसीलिए इस सेशन को शुरू से शुरू किया जा रहा है ताकि आपको यह याद दिलाया जा सके कि आप एक ट्रैप में कैसे फंसते चले जाते हैं कैसे जिओ ने सारे कंपीटीटर्स को पहले नुकसान पहुंचाया सरकारी कंपनियों का मखौल उड़ाया बीएसएनएल को बर्बाद ही कर दिया उसके बाद में जब लोगों के पास विकल्प के रूप में आप अकेले बचे तो आपने अपनी तरफ से लोगों को पेरिस हाई करके टैरिफ हाई करके उन्हें बर्बादी की तरफ ले जाने का रास्ता तय कर दिया |
अब आप पूछेंगे बर्बादी कैसे सर इसमें पैसा ही तो बढ़ाया है पैसे का लाभ ही तो है सारी बातें समझिए और कल को यह आपके साथ क्या-क्या कर सकते हैं यानी कि इनके पिताजी ने जो दुनिया के लिए संदेश दिया था कि कर लो दुनिया मुट्ठी में इनके बेटे ने खुद ने अपने हाथ में करने का तरीका अपनाया और व तरीका आज के सेशन में हम डिस्कस कर रहे हैं मतलब कुल मिलाकर के अब यह समझिए कि jio-tele-verification जिओ बैठी हुई है यह अपने आप में सोचने का विषय है कि देश में किस तरह से हमारे देश में किस तरह से मोनोपोलिस्टिक तरीके से हम पर कंट्रोल किया जा रहा है आज है हमारी देश हमारा देश राजनीति का गुलाम है या नहीं यह तो नहीं पता लेकिन बड़ी कंपनियां किस तरह से हमें कंट्रोल करती हैं उसका उदाहरण यह है तो आज आपको यह पता चलेगा कि कैसे इंटरनेट को उपलब्ध कराकर डेटा गिरी करने वाले मुकेश अंबानी दादागिरी पर उतर आए हैं और इनके इस दादागिरी पर उतरने की शुरुआत कितने भोलेपन से हुई थी कि देश के अंदर आज यह कंपनी 2.26 ट्रिलियन रुपीज की बन चुकी है |
यह गल्फ कंट्रीज में पेट्रोल वेंडर का कार्य किया करते थे देश में आए कपड़े का व्यापार किए दो संतानें हुई मुकेश और अनिल बड़ी संतान का नाम अनिल था अब छोटी का नाम मुकेश था धीरू भाई अंबानी ने अपनी धर्मपत्नी कोकिला बेन के साथ मिलकर देश में बहुत सारे उद्योग धंधों के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया धीरू भाई अंबानी वर्ष 2002 में जब नहीं रहे 70 साल की उम्र में जब उनका निधन हो गया तो यह कारोबार जगत के लिए एक बड़ा झटका बनकर निकला क्यों क्योंकि इनके दोनों बेटे मुकेश और अनिल अपनी अपनी जरूरतों के लिए लड़ाई लड़ रहे थे इनकी माता जी कोकिला बेन ने इनकी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए दोनों के धंधे अलग-अलग बांट दिए मुकेश को कहा कि भैया तुम जाओ और अपना बढ़िया तेल निकालो रिफाइन करके बेचो पेट्रो केमिकल संभालो रिफाइनरी संभालो और दूसरे को जो पिताजी लगाकर गए थे रिलायस लाय का यानी कि टेलीकॉम का काम पकड़ा दिया गया अनिल को टेलीकॉम सेक्टर के अंदर उतार दिया गया इस प्रकार से अनिल टेलीकॉम फाइनेंस और एनर्जी यूनिट में मिल गए कहा जाता है कि अनिल थोड़े व्यवहार में जिद्दी थे उन्हें बिजनेस की सेंस नहीं थी उन्होंने उन ध में हाथ डाला जो कि कंपटिंग नहीं थे और इस प्रकार से वह लगातार नुकसान झेलते चले गए जिस रिलायस को धीरू भाई अंबानी ने शुरू किया था कर लो दुनिया मुट्ठी में कह कर के वह असल में मुकेश अंबानी के दिमाग की उपज बताया जाता था और कहा जाता है कि मुकेश अंबानी जब इस प्रकार से अनिल अंबानी को रिलायस दिया गया था |
उससे काफी परेशान थे लेकिन दोनों भाइयों ने एक एग्रीमेंट किया था और एग्रीमेंट था कि हम 10 साल तक दोनों एक दूसरे के फील्ड में पैर नहीं रखेंगे यही हुआ कि 2002 से अगले 10 साल के इंतजार में मुकेश अंबानी बैठे रहे कि एक बार अनिल अंबानी को आगे निकलने दे दो फिर मैं अपना दोबारा से इस धंधे में एंट्री करूंगा और हुआ भी यही 2010 में पहुंच कर के इन्होंने अपना दिमाग लगाना शुरू किया क्योंकि 20122 में इनका समय पूरा हो रहा था कि मुझे टेलीकॉम में उतरना है और इस उतरने में इन्होंने धीरे-धीरे jio1 के आसपास शुरू कर दी थी कहते हैं कि 2010 में reliance1 करोड़ में इंफोटेल ब्रॉडबैंड सर्विस लिमिटेड नाम की एक कंपनी की 95 प्र हिस्सेदारी खरी दी थी यह जो इंफोटेल ब्रॉडबैंड सर्विस लिमिटेड है यही देश की वह कंपनी थी जिसके पास 4g नेटवर्क का स्पेक्ट्रम था देश के 22 जोन में बड़ा ही इंटरेस्टिंग है कि 4g का इसके पास नेटवर्क स्पेक्ट्रम था और इस नेटवर्क स्पेक्ट्रम को लेने वाली एक कंपनी अकॉर्डिंग टू एग्रीमेंट बिटवीन टू ब्रदर्स होने को तो फ्रंट फेस में करके reliance1 में 4g के लिए भारतीय airtelgprs.com लिए एंट्री करना शुरू कर दिया 27 दिसंबर 2015 को सबसे पहले reliance1 सर्विस अपने कर्मचारियों को 2015 में उपलब्ध कराई दिसंबर के अंदर और कहा कि एक बार आप यूज करके देखिए आप अगर यूज कर लेंगे तो फिर अप्रैल मई में चलकर पूरी दुनिया वालों को बेवकूफ बनाएंगे हुआ भी यही मुकेश अंबानी ने डिजिटल रेवोल्यूशन लाने के लिए वर्ष 2016 में भाषण दिया और कहा कि हम दुनिया में वह सर्विस बनने जा रहे हैं जो डेटा का और कॉल का पैसा नहीं लेगी यह सत्य है कि जिस समय पर reliance1 जीबी तक डाटा हुआ करता था लेकिन आज जो हम वास्तविकता में चर्चा कर रहे हैं वो इसलिए कि ₹ प्रति जीबी तक हुआ करता था आप वो मिटाने के लिए आए थे कहीं ऐसा तो नहीं जिस तरह से आप प्राइसेस बढ़ाते जा रहे हैं आपकी भी असली मंशा वही हो कि मुझे उसी समय तक इन्हें वापस लेकर जाना है क्योंकि जिस तरह से आपने शुरुआत की थी तब यह कहा था कि अब वॉइस कॉल फ्री रहेगा |
डाटा आप वॉइस कॉल तो पूरी तरह फ्री रहेगा डटा के लिए पे करना होगा और वह भी बहुत नॉमिनल पे करना होगा इसे गांधी जी के अंदर अगर गांधीगिरी कहा जाता था तो हम इसे डेटा गिरी कहते हैं तो इस तरह से आपने अपना प्रचार किया तो इस प्रकार से प्रॉपर तरीके से इन्होंने पूरी दुनिया के सामने एक तहलका सा मचा दिया कि इंडिया में एक ऐसा सर्विस प्रोवाइडर आ गया है जिसने तीन-चार महीने के के लिए तो अनलिमिटेड इंटरनेट ही फ्री कर दिया है कि जाइए और प्रतिदिन के हिसाब से आप 4gb डाटा यूज करिए 3 महीने तक लोगों को पहले कंजप्शन हैबिट डलवाई गई यानी कि एक ऐसा नशा जिसकी लोगों को आदत नहीं थी 200gb भी कहां पर एक ₹ का 1gb भी जहां एक और लोग पूरे महीने चला लेते थे आपने 4gb प्रतिदिन देकर के 3 महीने तक फ्री का आदत डाला फ्री अनलिमिटेड कॉलिंग करवाई 100 मैसेज के अंदर रोजाना प्रति देने की सुविधा करी लोगों को लगा कि भाई साहब ये तो दुनिया में एकदम तहल का है अब बड़ा इंटरेस्टिंग बात यह था कि अगर 4gb डाटा आप किसी को देने लगोगे तो वो प्रतिदिन उस डाटा का क्या करेगा इस डाटा के लिए इन्होंने बकायदा 6000 से ज्यादा मूवी फ्री में उपलब्ध कराई 1 करोड़ से ज्यादा गाने उपलब्ध कराए कि अगर आपको डाटा मिल गया तो कंज्यूम कहां करोगे डटा मिल गया लेकिन चलाए क्या इससे उसी दौर में 2016 के अंदर देश में एक तरह से वास्तविकता में सस्ते इंटरनेट के कारण इंटरनेट क्रांति ने जन्म लिया आज जो इंटरनेट बेस्ड जो सर्विसेस हैं फिर चाहे वो u और जोमट हो फिर चाहे ओया ओया और ओलो हो ये ओला और ओयो हो या फिर टेक कंपनियां हो चाहे योग करने के लिए इतने सारे एप्लीकेशन अपने लेवल पर भी उपलब्ध करवाए जिसमें म्यूजिक था जिसमें गाने थे जिसमें चैटिंग थी जिसमें मूवीज थी |
तमाम चीजें थी आज jio1 jio1 दम धड़ाम से नीचे गिरा दिया इंटरनेट के दाम को नीचे गिराने से मार्केट में यानी इंटरनेट प्रोवाइडर जो कंपनियां थी airtelhellotunes.in 52 मिलियन सब्सक्राइबर jio1 देखी फिर हैप्पी न्यू ईयर आया और हैप्पी न्यू ईयर ने इन्हें 100 मिलियन सब्सक्राइबर क्रॉस करा दिया मतलब देने पड़े फिर जब मार्च का खेल खत्म हुआ तो अगले 12 महीने के लिए आप प्राइम मेंबरशिप ले आए मात्र 99 में कि प्राइम मेंबरशिप जॉइन करो 99 में सारी फैसिलिटी मिलती रहेंगी और अगर इंटरनेट यूज़ करना है तो उसके लिए फिर एक फीस तय कर दी गई धीरे-धीरे इन्होंने लोगों को पहले सस्ते की आदत डाली आदत डाल कर के इन्होंने प्रॉपर तरीके से इंटरनेट का यूज़ करते हुए उसका कंजप्शन की हैबिट डेवलप करी कंजप्शन हैबिट के साथ में अब उनकी इसी आदत का जैसे एक ड्रग एडिक्ट को पहले ड्रग का हल्का सा ज डोज सखाया जाता है फिर उसके बाद में उसको उसकी आदत का ही दुरुपयोग करने के लिए कहा जाता है कि अब तेरी आदत पड़ गई है अब तू खरीद मुझसे पहले फ्री में खिलाया अब खरीदने पर मजबूर किया ऐसा इन्होंने इंटरनेट के साथ किया साल भर के लिए जो चीजें मुफ्त में थी अब धीरे-धीरे इनके दाम वसूलने इन्होंने शुरू किए j प्राइम मेंबरशिप 99 के हिसाब से कर दी और अनलिमिटेड जो डाटा है वो 03 के हिसाब से कर दिया नए तरह के प्लान निकाल दिए लोगों को लेकिन यह भी बहुत सस्ता लग रहा था धीरे-धीरे इन्होंने ऑफर्स में कहा कि अगर आप j मनी यूज करते हैं तो 50 तक का कैशबैक भी मिलेगा आपको जानकर आश्चर्य होगा jio1 के अंदर ₹1 करोड़ का लॉस बुक किया जो कि लोगों को देखकर लगा कि यार ये तो बहुत जबरदस्त लॉस कर लिया है लेकिन इन्होंने एक ही झटके में jio 9 apps मजबूर कर दिया कि वह खड़े ही ना हो पाएं इसे मार्केट की प्रेडेटरी प्राइसिंग कहते हैं दूसरों को खा जाने वाली प्राइसिंग कहते हैं इन्होंने इतना सस्ता कर दिया कि जो भी इनके कंपटीशन में खड़ी हुई कंपनियां थी वो ऑलमोस्ट बर्बादी के कगार पर पहुंच गई चाहे टाटा डोकोमो हो चाहे उस समय की एयर सेल हो लगभग आठ नौ कंपनियां देश में उस समय कॉल के लिए उपलब्ध थी इन्होंने सबको लगभग मट मिट्टी में मिला दिया ऐसी स्थिति में इन्होंने धीरे-धीरे अपने द्वारा फिर फोन भी उतारा ताकि उस कस्टमर को भी जो इंटरनेट खरीदने का इच्छुक नहीं है उसे 00 का फोन दिया और कहा कि 3 साल तक यूज करो फिर जाकर वापस पैसे ले जाना फ्री इंटरनेट मिलता रहेगा ऐसा करके इन्होंने 5 करोड़ फोन बेच डाले 00 करोड़ में और मतलब फोन टू जो था वो 000 में इन्होंने उतारा और 5 करोड़ से ज्यादा फोन इन्होंने मात्र 2 साल के अंदर-अंदर बेच दिए धीरे-धीरे समय बीतता गया मार्च आता है और मार्च 31 को जब इनकी मेंबर्स को फिर से एक प्राइस का डोज दे दिया और कहा कि अगर आपको 2gb डाटा चाहिए तो 98 में मिल जाएगा यानी कि अब आपकी आदत को पकड़ा जा रहा था कि आपको पहले सस्ते की आदत में फ्री की आदत डाली अब सस्ते की आदत डाल रहे हैं अब आपकी प्राइसेस को बढ़ाते जा रहे हैं धीरे-धीरे इन्होंने प्राइसेस बढ़ाना शुरू किया प्राइस बढ़ाते बढ़ाते इंटरनेट को घरों तक तार से पहुंचाना जिसे j गगा फाइबर कहते हैं उसकी शुरुआत की इंटरनेट को jio गगा फाइबर के माध्यम से घर तक पहुंचाया और धीरे-धीरे इन्होंने अपने द्वारा सारे वह काम गिनाने शुरू किए कि हम जब आए तो हमने देखो ₹2000000 का डाटा ₹ में उपलब्ध करा दिया लोगों को यह ₹ भी कम लगने लगा जहां jio3 एक तो जबरदस्ती सरकार की बैसाखी के सहारे चल रहा है ले दे कर के बाकी जो दो बचे हैं airtelhellotunes.in
तीन प्रकार होते हैं अर्थशास्त्र में एक होता है परफेक्ट मार्केट जो सब्जी मंडी में आप देखते हो कि हर आदमी सस्ता माल बेचना चाहता है ताकि उसका माल बिके और वो जल्दी से अपने घर पहुंचे वहां पर आपको इतने विकल्प मिलते हैं कि आप किसी से भी खरीद सकते हैं लेकिन विचार करिए कि अगर वह सब्जी केवल एक ही दुकान पर मिल रही हो तो वो उसकी जो मर्जी चाहे उतना फ सब फल का दाम रख सकता है अगर वो दो-तीन दुकानों पर ही मिल रही हो और वो दो-तीन दुकानदार आपस में ये सेट कर लें कि हम अपनी मर्जी से इस सब्जी को अब ₹1 किलो बेचेंगे कि ₹5000000 किलो बेचेंगे तो वह ₹5000000 में इस इंटरनेट क्रांति के बाद जबरदस्त इजाफा हुआ लगातार इनका फाइनेंशियल ईयर ग्रो करता चला गया लगातार सब्सक्राइबर बढ़ते चले गए कहा जाता है कि वर्तमान में जहां इंडिया में लगभग 82 करोड़ इंटरनेट यूजर हैं उनमें से 45 करोड़ अकेले jio5g गई उस क्रांति को फिर इन्होंने झंडे दिखाने शुरू किए पहले भी इन्होंने जब इस तरह से प्राइस बढ़ाए थे 2021 में तब लोगों को बहुत जबरदस्त तरीके से रिएक्शन देने का मौका मिला था उन्होंने कहा था कि जज्बात बदल दिए लेकिन फिर से आज यह मौका है 2021 के बाद इन्होंने अचानक 25 पर प्राइस हाईक कर दिया है ना केवल प्राइस हाईक किया है इनकी देखाद देख jio9apps होती है सरकार के द्वारा कंपनियों को बेचने का जो विचार होता है वह इसीलिए त्यागना चाहिए क्योंकि कंपनियां जब सरकार से निकल जाती हैं हाथ से तो वह इस तरह से दुनिया को अपने इशारे पर नचा हैं सरकार जो बार-बार कंपनियों को बेचने के लिए डिस इन्वेस्टमेंट कर दो कंपनियों को बेच दो विनिवेश कर दो यह सोचने की आवश्यकता है कि सरकारी कंपनियां मार्केट में होना जरूरी है माना कि सारी कंपनियां सरकार नहीं चला सकती लेकिन अपना एक रोल मॉडल सरकार वहां पर हमेशा खड़ा रखे कि बेटा तुम्हें कंपटीशन हमेशा से देना होगा आज यह कहा जा सकता है कि बीएसएनएल में जहां बीएसएनएल के कर्मचारियों के द्वारा कार्य करने में जो ना इच्छा थी उसका नुकसान बीएसएनएल को भुगतना पड़ा यह तो आधा सत्य है ही आधा सत्य यह भी कहा जा सकता है कि अगर सरकार अपनी तरफ से बीएसएनएल को है जो इतने रुपए में दे रहा है अब लेकिन लोगों को अच्छे की आदत पड़ गई है 4g नेट के नेटवर्क की आदत पड़ गई है और यह सरकारी बैसाखी के सहायता से चल रहा बीएसएनएल आज भी भाई साहब नहीं लगेगा कि लड़ाई लड़ रहा है लग रहा है कि इसको तो बिल्कुल दीन हीन स्थिति में छोड़ दिया गया है साथियों मार्केट की यह स्थिति बहुत घातक है विचार करने की आवश्यकता है कि दुनिया पर जिस प्रकार से इन प्राइवेट कंपनियों ने हमें लगता है कि सरकार एनडीए की है कि सरकार यूपीए की है कि सरकार इंडिया की है सरकार असल मायने में इन कंपनियों की है दुनिया भर में इस तरह की कंपनियों ने अपनी तरफ से बवाल मचा के रखा हुआ है मैं फिर से याद दिला दूं धीरू भाई अंबानी ने दुनिया को कहा था दुनिया मुट्ठी में कर लो बेटा उनका अपनी दुनिया को मुट्ठी में करने निकल पड़ा और मोनोपोली की तरफ निकला मैं आपको बता दूं मार्केट में परफेक्ट कंपटीशन इज द बेस्ट वे जो आप सब्जी मंडी के अंदर देखकर आते हैं कि साहब हम गए और बढ़िया से सस्ते दामों पर माल खरीद कर ले आए लेकिन मोनोपोलिस्टिक जो कंपटीशन है इसमें आपको जो वो सामने वाला बोलेगा वो देना पड़ेगा और हमारे देश में यह बहुत बड़ी बदकिस्मती है कि 140 करोड़ की आबादी वाले देश में देश के सभी संसाधनों पर कुछ ही कंग्लोमेरेट्स का कब्जा है जिनमें से अंबानी एक है और अंबानी के पास में इस तरह से jio1 सर्विस उपलब्ध करा रहा है वह दूसरी सर्विस में एंट्री ना करे क्योंकि इसके पास में एक बार जनता का डाटा आ गया इसके पास में इंटरनेट की हैबिट आ गई अब यह लोगों को अलग-अलग तरह की सुविधाएं देने की बात कर रहा है jio1 से पैसा ले लिया है फिर ये आने वाले समय में मिलकर के लोगों के घर पर सब्जी बेचने का काम शुरू करेगा यानी पूरे देश को क्या असल में jio1 हो सकती है |
क्योंकि केवल इतना सा प्राइस बढ़ा कर के 47500 करोड़ इन्होंने एक मिनट में बाहर निकाल लिए यानी इंडिया के मार्केट से इतना तेजी से इन्होंने इंटरनेट के माध्यम से दाम बढ़ा कर के ये सब कर लिया आपको लग रहा है कि 47 हज करोड़ ही तो किया है क्या हो गया हम इतने सारे लोग तो हैं 100 करोड़ के आसपास इंटरनेट यूजर्स हैं तो क्या हो गया बिल्कुल सही कह रहे हैं आप क्या हो गया यह तो आपको अंदाजा भी नहीं है क्यों नहीं है क्योंकि jio5g लोग लाइव क्रिकेट देख रहे थे साहब हॉट स्टार पर आज उसको इसने परचेज कर लिया है यानी पहले इंटरनेट दिया इंटरनेट का उपयोग करने के लिए आपको फिल्में दिखाई फिल्मों के लिए आपको डिजनी की आदत हॉट स्टार की आदत लगाई वहीं पर अब आपके लिए इंटरनेट को उपलब्ध कराकर इसने उस कंपनी को परचेज कर लि ले आजा भाई तू अब मेरे पास है तो एक तरह से हॉट स्टार इनके मतलब आप सोचिए कि देश की हर एक संस्था पर अब इनका कब्जा होता चला जा रहा है टीवी पर कब्जा होता चला जाए मैं आपको एक नमूना दिखाता हूं जिससे आपको अंदाजा हो जाएगा लगभग हर सेक्टर में जहां पर आप लोग मूवी देखने के लिए amazonflex.in हो सब तरफ से इन्होंने अपना ही मार्केट बना दिया और आने वाले समय में तो यह जो बिग बास्केट amazon.in इने इंक्रीज किया है भाई हम सब लोग इनके लिए अपनी एक आवश्यकता बन चुके हैं कि हम तो हमको तो आप देखिए कि अब ये अपनी जिओ फाइनेंशियल सर्विसेस लेकर आ रहे हैं जिओ फाइनेंशियल सर्विस आते ही देश की टॉप फाइव में पहुंच जाती है क्यों क्योंकि इनके पास डाटा है डाटा है आपका भी हमारा भी आपके मोबाइल में ऑटोमेटिक फ्लैश कर जाएगा कि jio3 से ऊपर चल रहे हैं देश को ये समझने की वास्तविकता में आवश्यकता है कि अंबानी के द्वारा जो मुकेश अंबानी है इनके द्वारा जो ये काम किया जा रहा है इस कम काम में जहां देश के साथ पहले देश को साथ लेकर चलने की बात थी आप ने यह सुविधाओं का उपयोग करके लोगों के साथ 25 पर टैरिफ हाई करना कैसे जस्टिफाई किया जा सकता है |
सरकार को आवश्यकता है कि इस प्रकार की मोनोपोलिस्टिक अप्रोच रखने वाली कंपनियों के साथ सख्ता से पेश आए उनसे सवाल करें सरकारी जांच हो और यह तय किया जाए कि देश के अंदर सारे संसाधन किसी एक व्यक्ति के हाथ में ना चले जाएं reliance1 के पास 63.4 पर की हिस्सेदारी ले ली है इसके साथ-साथ और तो सुनिए अब ये एसी लेकर आने वाले हैं वाइजर के साथ समझौता किया 00 में एसी लेकर आने वाले हैं कि साहब ₹ हज में एसी लाएंगे सस्ता एसी सस्ते में लाकर के देश को अपलिफ्ट करेंगे यह प्लान इनका सबसे बेसिक प्लान है कि आपको चीजें सस्ते में मिलेंगी लेकिन सस्ते की आदत लगाकर सस्ते की आदत आप प्रेडेटरी प्राइसिंग के माध्यम से इसलिए लगा पाते हैं क्योंकि आपके पास भर के पैसा है आप अपना पैसा लगाकर सब कुछ फ्री कर दो तो दुनिया वैसे ही बर्बाद हो जाएगी सब कुछ फ्री कर दो तो और कंपनियां सरवाइव नहीं कर पाएंगी और कंपनियां सरवाइव नहीं कर पाएंगी वही सर्वाइवल की लड़ाई लड़ते-लड़ते आप फिर जब अपने पास सबको पा लेंगे तो आप ऐसे ही करेंगे 2021 में आपने रेट बढ़ाई अब 2024 में आप रेट बढ़ाकर 25 पर रेट सीधा बढ़ाकर ले गए यह भाई साहब डाइजेस्ट नहीं हो रहा है और इसके साथ ही देश के अंदर जनता को भी अवेयर होने की आवश्यकता है |
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